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Horticulture

Horticulture बागवानी

का नाम सुनते ही कृषि की महक स्वयं ही महसूस होने लगती है। भारत की आत्मा है कृषि। बागवानी कृषि की काया है। एक ऐसी सुंदर काया जो देश दुनिया के लोगों का पेट भरती व विभिन्न उपचार के साथ अपनी महक से चेहरे पर मुस्कान खिला देती है।

आपके घर मे शादी समारोह हो, जन्मदिन हो या फिर अन्योष्टि तक का अवसर हो उसमे भी पुष्प का देव से लेकर मानव तक अपना महत्व होता है।

अब से पूर्व तक भारत मे पुष्प से जुड़े कार्य एक विशेष जाति जिसे माली कहा जाता है, वे करते थे। किंतु जिस प्रकार से बढती जनसंख्या के साथ कैरियर मे प्रतिस्पर्धा बढ गई है और मौसम की मार से कृषि व बागवानी संकट के द्वार पर खडे हैं। इससे इस क्षेत्र मे कैरियर निर्माण के चहुंमुखी द्वार भी खुले हैं।

प्रोफेशनलिज्म के इस दौर में युवाओं की रूचि बागवानी की ओर काफी बढी है। आधुनिक तरीके से बागवानी करने के लिए इस क्षेत्र का डिप्लोमा व डिग्री होना बहुत आवश्यक है।

भारत सरकार कृषि के संरक्षण व संवर्धन को ध्यान मे रखते हुए। देश के कोने कोने मे काफी तादाद मे कृषि विश्व विद्यालय व प्राइवेट काॅलेज को भी बागवानी से संबंधित डिग्री व डिप्लोमा देने की अनुमति प्रदान की हुई है।

यह क्षेत्र जितना रूचिकर है उतना हि चुनौती पूर्ण भी है। किंतु अगर आप मौसम का मिजाज थोडा सा समझ जायें और अपनी स्किन केयर की तरह पेड पौधों के रख रखाव व फल फूल और पत्तियों के केयरनेस को महसूस कर लिये तो इस कार्यक्षेत्र मे कैरियर निर्माण की अपार संभावना है।

आप एक अच्छे सलाहकार से लेकर सहायक पद, निर्देशक और वैज्ञानिक तक की रेस मे शामिल हो जाते हैं। भारत कृषि के लिए विख्यात है। इसलिये ग्लोबल वार्मिंग के इस दौर मे जहाँ एक ओर सम्पूर्ण विश्व चिंतित है वहीं आप शोध और अध्ययन के माध्यम से अपना विशिष्ट स्थान बनाकर वैश्विक जगत को राह दिखा सकते हैं। इस क्षेत्र मे सरकारी व गैर सरकारी दोनो माध्यम से जिम्मेदारी निभा सकते हैं व आॅनर बनकर भी स्वयं का काम कल सकते हैं। आजकल कृषि क्षेत्र मे एक अच्छे सलाहकार की बहुत आवश्यकता है।

बागवानी से संबंधित डिप्लोमा और बैचरल डिग्री कोर्स के साथ मास्टर डिग्री के साथ आप पीएचडी भी कर सकते हैं। कुछ कृषि विश्व विद्यालय व संस्थान प्रमुखता से शैक्षिक प्रमाण पत्र प्रदान करते हैं_

बागवानी में अध्ययन के प्रमुख विश्वविद्यालय हैं-

  1. स्वामी विवेकानंद यूनिवर्सिटी, सागर, MP
  2. कृषि महाविद्यालय, इंदौर (मप्र)
  3. चौधरी चरणसिंह विश्वविद्यालय, मेरठ
  4. बीआर आम्बेडकर विश्वविद्यालय, आगरा
  5. नरेंद्रदेव कृषि और प्रौद्योगिकी
  6. कृषि विश्व विद्यालय बांदा बुंदेलखण्ड
  7. महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्व विद्यालय चित्रकूट एमपी

भारत ही वह देश है जहाँ से डाॅ. जगदीश प्रसाद बोस सरीखे कृषि वैज्ञानिक मिले। पौधों मे जीवन होता है, इसकी पुष्टि भी यहीं से हुई है। इसलिये यह क्षेत्र जितना व्यवसायिक है, उतना ही आध्यात्मिक व मानव समुदाय के जीवन निर्माण से अधिक जुड़ा हुआ है। यकीन करिये कि लोग इस क्षेत्र मे पैसा कमाने के साथ साथ यश भी कमाते हैं और सम्मान व पुरस्कार से अलंकृत होते हैं। सबकुछ व्यक्तिगत रूप से निर्भर करता है कि हमारी दूरदृष्टि कब, कहाँ और कितनी काम करती है।


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 लेखक : काउंसलर सौरभ द्विवेदी