Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the neve domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home/u273666145/domains/excelcollegeindia.com/public_html/wp-includes/functions.php on line 6114
MBA पढ़ें. सफल होंगे – IX - Excel College of Higher Education
Skip to content

MBA पढ़ें. सफल होंगे – IX


Scalar Chain of hierarchy
हायरार्की या अनुक्रम की सीधी चेन


हायरार्की या अनुक्रम

मैं एक कंस्ट्रक्शन साइट पर गया. वहां मजदूर काम कर रहे थे. मैंने एक मजदूर से पूछा कि जब कोई जरूरत पड़ती है या परेशानी होती है तो आप किससे मिलते हो. उसने बताया – सुपरवाइजर. सुपरवाइजर से भी वही सवाल पूछा तो उसने कहा – जूनियर इंजीनियर, JE. JE ने इंजीनियर बताया. इंजीनियर ने सीनियर इंजीनियर बताया. सीनियर इंजीनियर ने कंस्ट्रक्शन मैनेजर बताया. कंस्ट्रक्शन मैनेजर ने प्रोजेक्ट मैनेजर बताया. प्रोजेक्ट मैनेजर ने प्रोजेक्ट डायरेक्टर बताया. प्रोजेक्ट डायरेक्टर ने कंपनी चेयरमैन बताया.

मैं लेबर से शुरू हुआ और एक एक पायदान ऊपर चढ़ता गया और चेयरमैन तक पंहुच गया. नीचे से ऊपर तक सभी पायदान जोड़े तो एक लाइन बन गई, जिसमें हर व्यक्ति को मालूम था कि उसका सीनियर या उसका बॉस कौन है और वो किसको रिपोर्ट करेगा.

इसे स्केलर चेन कहते हैं.

ऐसा ही होना चाहिए. एक आदमी का एक बॉस होना चाहिए. एक आदमी के अनेक बॉस नहीं होने चाहिए. अपवाद हो सकते हैं पर अपवाद न हों तो अच्छा है. नीचे से ऊपर एक सरल सीधी लाइन बननी चाहिए. और पायदान या कड़ियां जोड़ें तो एक चेन बननी चाहिए.

क्या ऐसा छोटे ऑफिस या दुकान या घर में भी होता है ?

होना चाहिए. कभी कभी नहीं होता है. कभी कभी एक नौकर एक से जादा लोगों की बात सुनता है. पर ऐसा नहीं होना चाहिए. एक कर्मचारी का एक ही बॉस होना चाहिए.

इससे क्या फायदा ?

काम सुचारु रूप से चलता है. अनुसाशन बना रहता है. उत्पादकता बढ़ती है. रिजल्ट अच्छे आते हैं.

यह सिद्धांत कहां लागू हों ?

हर जगह लागू हो. कंपनी, उद्योग, व्यवसाय, दुकान, खेती, विद्यालय, ऑफिस, घर, … लगभग हर जगह.

क्या सफलता मिलेगी ?

जी, जरूर मिलेगी. मैनेजमेंट की इन बातों को अपनाइए. सफलता का #अरुणोदय होगा. आप सफल होंगे.

आप शिक्षा प्रसार में सहयोगी बनें

यह शिक्षा पोस्ट है. MBA के पहले विषय प्रिंसिपल ऑफ मैनेजमेंट (pom) का टॉपिक है. आप वही पढ़ रहे हैं जो IIM जैसे कॉलेज अपने स्टूडेंट को पढ़ाते हैं. जी हां, आप MBA कर रहे हैं. यह पोस्ट अपने भाई बहन मित्र व बच्चों को शेयर करें. पढ़ेगा इंडिया, तो बढ़ेगा इंडिया.


यह शिक्षा पोस्ट है. MBA के पहले विषय प्रिंसिपल ऑफ मैनेजमेंट (pom) का टॉपिक है. आप वही पढ़ रहे हैं जो IIM जैसे कॉलेज में स्टूडेंट लाखों ₹ फीस देकर पढ़ते हैं. जी हां, आप MBA कर रहे हैं. अगर आप को यह पोस्ट सरल लगी और लाभकारी लगी तो अपने बच्चों, भाइयों, बहनों व मित्रों को शेयर करें. पढ़ते रहें.

MBA हिंदी में भी पढ़ सकते हैं.

क्या यह आपको कठिन लगा. यदि नहीं, तो आप मेरी मानिए, आप MBA कर सकते हैं. अपने प्रोजेक्ट, बिजनेस, व्यापार, काम, ऑफिस को सफल बना सकते हैं. अच्छी नौकरी पा सकते हैं.

 MBA पढ़ें. सफल होंगे.

HELP ?

  • हम आपकी मदद करेंगे.
  • हम आपके strength, weakness, interest, dreams, skills आदि को समझेंगे
  • आपको सही कोर्स, सही कॉलेज व सही युनिवर्सिटी चुनने में हेल्प करेंगे.
  • आपको एडमिशन व कोर्स पूरा करने में गाइड करेंगे.
  • कोर्स पूरा होने पर प्लेसमेंट या नौकरी के लिए मदद करेंगे.
  • Contact us by email or sms or whatsapp or phone or contact form.

Visit contact page and call us or fill Inquiry form.


 

Dr. Arun Mishra


#MBA_POM 09