जो कंस्ट्रक्शन में काम कर रहे हैं वो ध्यान से पढ़ें. अगले 20 साल इंफ़्रास्ट्रक्चर डेवेलपमेंट के होंगे. सड़कें बनेगीं, पुल बनेंगे, एक्सप्रेस हाईवे बनेंगे, फ्लाईओवर बनेंगे, रेलवे लाइनें बिछेंगी, स्काई मेट्रो बनेंगे, अंडरग्राउंड मेट्रो बनेंगे, डैम बनेंगे, नहरें बनेंगी, ….
जब ये सब होगा तो कंस्ट्रक्शन में नौकरियां भी होंगी. जो अभी सुपरवाइजर हैं वो पढ़ाई व अनुभव से जूनियर इंजीनियर बन सकते हैं. जूनियर इंजीनियर साईट इंजीनियर या सीनियर इंजीनियर बन सकते हैं. सीनियर इंजीनियर प्रोजेक्ट मैनेजर बन सकते हैं. इस तरह सभी को आगे बढ़ने का स्कोप है.
क्या करें ?
सिविल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा करें, बी.टेक. डिग्री करें, एम.टेक. डिग्री करें, कंस्ट्रक्शन या प्रोजेक्ट मैनेजमेंट या इंफ्रास्ट्रक्चर में MBA करें.
कैसे करें ?
जो कार्यरत नहीं हैं वो कॉलेज जा कर फुल टाइम कोर्स करें, जो कार्यरत हैं वो रविवार या छुट्टी के दिन क्लास करके पार्ट टाइम कोर्स करें. यह जरुर ध्यान रखें कि कोर्स UGC से मान्य हो.
कितना समय लगेगा ?
डिप्लोमा दसवीं के ऊपर 3 साल का कोर्स होता है. बी.टेक. डिग्री बारवीं के ऊपर 4 साल का कोर्स होता है. अगर किसी ने डिप्लोमा किया है तो उसे 3 साल लगते हैं, 1 साल बच जाता है. एम.टेक. 2 साल व MBA 2 साल का कोर्स होता है.
कितना खर्च आएगा ?
डिप्लोमा का खर्च 40 हजार सालाना हो सकता है. डिग्री का खर्च 60 हजार सालाना हो सकता है. यह खर्च थोड़ा जादा लगेगा पर एक से दो साल में रिकवर हो जाता है. डिप्लोमा वालों को 15 हजार व डिग्री वालों को 25 हजार की शुरवाती सैलरी मिल जाती है. जो पहले से काम कर रहे हैं उनकी सैलरी 5 से 10 हजार प्रति माह बढ़ जाती है. इस तरह सारी फीस एक से दो साल में रिकवर हो जाती है.
क्या डिप्लोमा या डिग्री करके कांट्रेक्टर भी बन सकते हैं ?
जी हाँ, डिप्लोमा या डिग्री करके कांट्रेक्टर लाइसेंस भी निकाल सकते हैं व कांट्रेक्टर बन सकते हैं.
We can HELP you.
Also Read : Civil Engineering – FAQ, CIVIL Engineering Career, Why Civil Engineering, Engineering Admission