जी नहीं.
Engineering की पढाई आपको सिखाती है –
- इंजीनियरिंग गणित (Engineering Mathematics)
- विज्ञान (साइंस, Science)
- तकनीक (टेक्नोलॉजी, Technology)
- विज्ञान व तकनीक की उपयोगिता (Application of Science and Technology)
- अनुसंधान (रिसर्च, Research)
इसमे हम कुछ विशेष बातें पढ़ते हैं –
- साइंस व गणित उपयोग (Application of Science and Mathematics)
- टेक्नोलॉजी का उपयोग (Technology Applications)
- टेक्निकल वस्तुएं, गैजेट, मशीन आदि बनाना (Making of technical things, gadgets, machine etc.)
- टेक्निकल प्रोसेस समझना (Understanding of Technical Process) (example – Process of making Paint)
- इंडस्ट्री में इंजीनियरिंग व टेक्नोलॉजी की उपयोगिता (Application of Engineering and Technology in Industry)
- रिसर्च (Research)
इंजीनियरिंग के टाइप –
- Civil – सिविल (कंस्ट्रक्शन, बिल्डिंग, रोड, बांध, … आदि)
- Mechanical – मेकेनिकल (मशीन, इंडस्ट्री, प्रोडक्शन, गाड़ी, कार, ऑटोमोबाइल … आदि)
- Electrical – इलेक्ट्रिकल (इलेक्ट्रिकल, बिजली, इलेक्ट्रॉनिक्स, कंप्यूटर, आईटी, … आदि)
- Chemical – केमिकल (केमिकल, पेंट, रबर, फ़र्टिलाइज़र, …. आदि)
इन मूल इंजीनियरिंग से काम के अनुसार स्पेशल ब्रांच बनी हैं, जैसे कि –
- Civil – Construction, Architecture, Interior Design …
- Mechanical – Automobile, Production, Manufacturing, Thermal, Instrumentation, Machine …
- Electrical – Electronics, Telecom, Communication, Computer, Information Technology (IT), Software Engineering …
- Chemical – Process Engineering, Paints, Rubber, …
अब मेरी बात ध्यान से सुनिए.
अगर आपको ऊपर की बातों ने कोई रूचि है तो Engineering करें, अन्यथा नहीं.
ज्योती ने बताया कि उसे इन सब बातों में कोई रूचि नहीं है. उसे सिलाई, कढ़ाई, फैशन डिजाईन आदि में इंटरेस्ट है. हमने उसे सलाह दिया कि आप इंजीनियरिंग न करें. फैशन डिजाईन व उससे जुड़े कोर्स करें. इंजीनियरिंग करने से आपको सफलता नहीं मिलेगी.
मेरे मित्र के मित्र ने बताया कि उसे इन सब बातों में रूचि थी. इसलिए उसने Engineering किया पर सफल नहीं हुआ. क्यों?
अब फिर से मेरी बात ध्यान से सुनिए.
एक आदमी ने पुस्तकें पढ़ी व तैरने की सारी जानकारी प्राप्त कर ली. जब पूछा गया तो सारे जवाब लिखित सही दिए. जब नदी में उतारा गया तो वह डूब गया. क्योंकि उसने तैरने का केवल किताबी ज्ञान लिया था, पर तैरना सीखा नहीं था.
ज्ञान जरुरी है. पर उसके साथ साथ उसको करने की कला भी आनी चाहिए.
हमारे देश में तीन तरह के शिक्षा संस्थान हैं –
- A. जो न ढ़ंग से तैरना पढ़ाते हैं और न ही तैरना सिखाते हैं. डिग्री दे देते हैं.
- B. जो तैरना अच्छा पढ़ाते हैं, पर सिखाते नहीं. और डिग्री दे देते हैं.
- C. जो तैरना अच्छा पढ़ाते भी हैं, और अच्छा सिखाते भी हैं. फिर जो तैर के दिखा पाता है, केवल उसे ही डिग्री देते हैं.
C टाइप वाले सबसे अच्छे हैं. अगर आपका इंजीनियरिंग या कोई भी दूसरी पढ़ाई ऐसी जगह से हुई है तो आप सफल हो जाएँगे, अन्यथा मुश्किल है.
(तैरना एक उदाहरण है. तैरना की जगह आप कोई दूसरा कार्य या क्रिया रख सकते हैं.)
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