Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the neve domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home/u273666145/domains/excelcollegeindia.com/public_html/wp-includes/functions.php on line 6114
FAQ – ग्रेजुएशन - Excel College of Higher Education
Skip to content

FAQ – ग्रेजुएशन

 

FAQ – ग्रेजुएशन

क्या ग्रेजुएशन 1 साल में हो सकता है?

जी नहीं. बिलकुल नहीं. B. A, B. Com, B. Sc, BCA, BBA या अन्य कोई भी बैचलर डिग्री 3 साल की होती है और 3 साल ही लगते हैं. कोई भी UGC recognized यूनिवर्सिटी यही टाइम लेती है. इससे कम में कहीं नहीं होता.

कुछ लोग कहते हैं कि वो 6 महीने में या 1 साल में ग्रेजुएशन करा देंगे. क्या ये सही है?

बिलकुल नहीं. यह पूरी तरह से गलत है. इस तरह के सभी काम फर्जी या fake या fraud पाए गए हैं. ऐसा करना crime हैकोई कितना भी समझाए, ऐसा मत कीजिए.

पर मेरे एक दोस्त ने ऐसा किया था और आज वह बड़ी कंपनी में काम कर रहा है?

हम किसी पर कोई व्यक्तिगत कमेंट नहीं करेंगे. केवल यही सलाह देंगे कि यह पूर्णतः गलत है और crime भी और आप ऐसा मत कीजिए और किसी को ऐसा करने की सलाह भी मत दीजिए.

तो फिर क्या करें?

सरकार से मान्य रेगुलर या distance course में एडमिशन लीजिए. 3 साल का कोर्स 3 साल में कीजिएहर साल यूनिवर्सिटी या कॉलेज जाकर exam लिखिए और कोर्स पूरा कीजिए. ऐसा कोर्स कीजिए जो UGC recognized यूनिवर्सिटी से हो.

हम महाराष्ट्र में रहते हैं. क्या महाराष्ट्र के बाहर की यूनिवर्सिटी से पढ़ सकते हैं?

जी. बिलकुल पढ़ सकते हैं. यूनिवर्सिटी कोई भी हो सकती है. आप किसी एक state में रह सकते हैं और यूनिवर्सिटी किसी दूसरे state की हो सकती है. हिंदुस्तान में कहीं का भी स्टूडेंट, कहीं भी पढ़ सकता है और कहीं भी काम कर सकता है. इसलिए जहाँ से आपको अच्छा लगे वहां से पढ़िए. बस इतना ध्यान रखिए कि कोर्स यूनिवर्सिटी, UGC मान्य हो.

क्या जादा फीस वाले कॉलेज या यूनिवर्सिटी की क्वालिटी जादा अच्छी होती है? क्या कम फीस वाले कॉलेज या यूनिवर्सिटी की क्वालिटी कम अच्छी होती है?

यह जरुरी नहीं है. सरकारी कॉलेज यूनिवर्सिटी की फीस कम हो सकती है क्योंकि उन्हें सरकार से फंड मिलता है. उनकी पढाई सुविधाएं अच्छी होती हैं क्योंकि सभी लेक्चरर प्रोफेसर को एक चयन पद्धिति से क्वालीफाई करके आना पड़ता है.उन्हें अच्छा अनुभव होता है. सरकार फंड देती है इसलिए लाइब्रेरी लैब में सुविधाएँ होती हैं.

प्राइवेट कॉलेज यूनिवर्सिटी को अपना फण्ड खुद इकठ्ठा करना होता है इसलिए उनकी फीस जादा हो सकती है. अच्छा मैनेजमेंट हो तो उनकी भी पढाई सुविधाएँ अच्छी हो सकती हैं.

फीस का जादा होना या कम होना क्वालिटी नहीं बताता. सोफा या गद्देदार कुर्सी या AC या अन्य ऐसी चीजें सुविधा की क्वालिटी बताती हैं, एजुकेशन की नहीं.

एजुकेशन क्वालिटी के लिए अच्छे लेक्चरर होने चाहिए, पढ़े लिखे, चरित्रवान, अनुभवी, अनुशासित कड़क. अच्छा लैब होना चाहिए अच्छी लाइब्रेरी होनी चाहिए. समय से परीक्षा होनी चाहिए समय से रिजल्ट मिलना चाहिए. पढ़ाई के साथ साथ ऐसे कार्यक्रम होने चाहिए जिनसे स्टूडेंट का कला कौशल बढ़े, हुनर बढ़े, स्किल्स बढ़े, बातचीत उठने बैठने आदि का तौर तरीका सीखे, सरकारी गैर सरकारी नौकरियों की परीक्षाओं की तैयारी करे, पढ़ने का माहौल हो, चरित्र बने, व्यक्तित्व बने, career बने.

क्या आप हमारी HELP कर सकते हैं?

जी हाँ. बिलकुल. Contact पेज पर जाइए. फॉर्म भरिए. फोन कीजिए. email लिखिए. whatsapp कीजिए. आप हमारे office visit कर सकते हैं. जो प्रश्न पूछना है पूछिए. हमारे काउंसलर आप के प्रश्नों का उत्तर देंगे. आपकी मदद करेंगे. FREE.

मेरे पास समय नहीं है. घर व office में बहुत काम है. क्या हम काउंसलर को घर या office बुला सकते हैं? इसकी क्या फीस है?

जी. फोन करके अपॉइंटमेंट तय कीजिए. काउंसलर तय समय, तारिख व स्थान पर आपसे मिलेंगे. इसकी फीस Rs. 500 है. आधी फीस संस्था देती है, आधी आपको को देनी है. Rs. 250 आपको देने होंगे.