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फार्मा

फार्मा (Pharma)

अगर आपकी दिलचस्पी मानव सेवा मे है। आपके अंदर गरीब, बीमार और असहाय व्यक्ति की मदद करने की भावना है तो यकीन मानिये मेडिकल के क्षेत्र मे ईश्वर के बाद आपका अद्वितीय स्थान है।

किसी भी कैरियर में सेवा भाव हुआ तो वह व्यक्ति कोहिनूर का हीरा साबित होता है। जहाँ एक ओर समाज मे सिर्फ पैसा और पैसा कमाने की होड मची हुई है वहीं भाव और भावनाओं की कमी के चलते अविश्वास जन्म ले रहा है।

अगर आप मेडिकल के क्षेत्र मे कैरियर बनाना चाहते हैं तो आधुनिकता के इस दौर मे समर्पण और त्याग की भावना के बल पर अद्वितीय सफलता अर्जित कर अत्यधिक लोकप्रिय हो सकते हैं।

फार्मेसी का मतलब मेडिकल जानकार से होता है। मेडिकल साइंस की पढाई मे कैरियर निर्माण की अपार संभावनायें हैं। यह क्षेत्र पूर्ण व्यवसायिकता के समय से गुजर रहा है। आप व्यवसायिकता के साथ साथ सेवा भाव से एक नई परिभाषा रच सकते हैं। यह व्यक्तित्व निर्माण से लेकर कैरियर निर्माण का क्षेत्र है। आप एक अच्छे सलाहकार बन सकते हैं।

मनुष्य और पशुओं का जीवन बचाने में ईश्वर के बाद मानव का ही अतुलनीय योगदान हो सकता है। इसलिये आप वैश्विक जगत पर भी ख्याति प्राप्त कर सकते हैं।

इस क्षेत्र मे डिप्लोमा कोर्स से लेकर बैचलर और मास्टर डिग्री भी की जा सकती है। फार्मेसी मे डी. फार्मा और बी. फार्मा दो प्रकार के कोर्स मुख्य हैं।

  • डिप्लोमा इन फार्मेसी (डी. फार्मा), 2 साल, 12वीं PCM/B/H के बाद
  • बैचलर ऑफ़ फार्मेसी (बी. फार्मा), 4 साल, 12वीं PCM/B/H के बाद
  • मास्टर ऑफ़ फार्मेसी (एम. फार्मा), 2 साल, बी. फार्मा के बाद

कुछ संस्थान इस प्रकार के कोर्स और डिप्लोमा कराते हैं, जहां से आप इनमे दक्षता हासिल करके डिग्री प्राप्त कर सकते हैं_

  • स्वामी विवेकानंद यूनिवर्सिटी, सागर, MP
  • RKDF यूनिवर्सिटी, भोपाल, MP
  • संदीप यूनिवर्सिटी, नाशिक, महाराष्ट्र
  • नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ फार्मास्यूटिकल एजुकेशन एंड रिसर्च – (NIPER)
  • मोहालीयूनिवर्सिटी इंस्टिट्यूट ऑफ़ फार्मास्यूटिकल साइंसेज
  • चंडीगढ़इंस्टिट्यूट ऑफ़ केमिकल टेक्नोलॉजी – (ICT)
  • मुंबई कॉलेज ऑफ़ फार्मेसी – (BCP)
  • इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी – (BHU IIT)
  • बुंदेलखण्ड युनिवर्सिटी झांसी यूपी

इस क्षेत्र मे इन कोर्सेज मे डिग्री और डिप्लोमा के बाद कैरियर निर्माण के अनेक द्वार खुल जाते हैं। आप विभिन्न क्षेत्रों मे जाॅब कर सकते हैं_

  • मेडिकल शॉप या मेडिकल बिज़नेस
  • मेडिकल रिप्रेजेन्टेटिव, क्लीनिकल रेसेअर्चेर, मार्किट रिसर्च एनालिस्ट
  • मेडिकल राइटर, एनालिटिकल केमिस्टफार्मासिस्ट, क्लीनिकल रेसेअर्चेर
  • ऑन्कोलॉजिस्ट, एनालिटिकल केमिस्ट, रेगुलेटरी मेनेजर

इस प्रकार तय है कि स्वयं का क्लीनिक खोलकर और प्राकृतिक व भौतिक आपदा के समय जन सेवक बनकर भी मानव समाज की जीवंतता को बरकार रख सकते हैं। अंत मे एक ही बात कहूंगा कि हाल ही मे महाराष्ट्र के डाक्टर की हड़ताल की वजह से सैकडो मरीज परेशानी से जूझे व जीवन का अंत भी हो गया। इसलिये ये काम पैसे के लिए कम सेवा भाव के लिये करेगें तो ईश्वर आपके साथ होगा। किसी का जीवन बचाना व स्वस्थ जिंदगी प्रदान करने का अवसर आपको मिलेगा। जबकि जिंदगी और मौत का मालिक ईश्वर ही है परंतु आप मे देवदूत बनने की संभावना होती है।

अस्तु प्रेरणा और राष्ट्र भाव काम मे अवश्य रखिये। आपकी जिंदगी मे भी जादुई असर होगा।


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 लेखक : काउंसलर सौरभ द्विवेदी 

सौरभ द्विवेदी