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उड़ान भरो

उड़ान भरो

नए वर्ष में सुबह उठा तो देखा चिड़िया अपने बच्चे की चोंच में दाना डाल रही थी । बच्चे चहक रहे थे । मन को रोक न सका । पूंछ बैठा कि ऐ चिड़िया तूने क्या सिखाया इन बच्चों को रात भर । बोली भाई कहानी सुनाई । उड़ान की कहानी । कहानी से सीख सिखाई । सिखाया कि आज़ाद उड़ना, मन से उड़ना, ऊंचे उड़ना, दूर तक उड़ना । अच्छा बुरा पहचानना । बुरे से दूर रहना । अच्छे के पास जाना । खुश रहना । तुम्हारी उड़ान से मुझे ख़ुशी मिलेगी । तुम्हारी ख़ुशी से मुझे ख़ुशी मिलेगी ।

मैंने चिड़िया को बहुत बड़े होते देखा । उस चिड़िया में माँ को माँ से बड़ा होते देखा ।

सभी बच्चों, सभी युवा –
आप भी सफलता की उड़ान भरो, बहुत ऊंचाई तक, बहुत दूर तक.

उड़ान भरो.